बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे का रूट आया सामने, इन शहरों को करेगा कवर; 3750 करोड़ होंगे खर्च

इन शहरों को करेगा कवर
लेकिन अब यह एक्सप्रेसवे पटना, मोकामा, मुंगेर होकर भागलपुर तक जाएगा। बीते वर्ष के केंद्रीय बजट में की गई घोषणाओं को लागू किए जाने संबंधी रिपोर्ट में बताया गया है कि बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 360 किलोमीटर है।कई स्तर पर यह भी दावा किया गया था कि यह एक्सप्रेस-वे पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगा, लेकिन अब केंद्रीय बजट में स्पष्ट कर दिया गया है कि इसके लिए कोई नया मार्ग तय करने की बजाय पुरानी सड़कों को ही अपग्रेड किया जाएगा।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस पूरे कारिडोर का लगभग 280 किलोमीटर हिस्सा पहले से ही फोर लेन है। रिपोर्ट के मुताबिक इस एक्सप्रेसवे में केवल मोकामा से मुंगेर तक के 78.5 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच को ही फोर लेन किया जाना शेष है। इस दायरे में फोरलेन बनाने के लिए डीपीआर तैयार किया जा रहा है। मोकामा से मुंगेर तक फोरलेन के लिए एलाइनमेंट पहले ही फाइनल हो चुका है।
अनुमानित लागत 3,750 करोड़ रुपए
इस खंड को फोरलेन बनाने के लिए अनुमानित लागत 3,750 करोड़ रुपए आंकी गई है। बीते केंद्रीय बजट में पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे, बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे, बोधगया, राजगीर, वैशाली और दरभंगा स्पर सहित बक्सर में गंगा पर दो लेन के तीसरे पुल के लिए समेकित रूप से 26 हजार करोड़ रुपए का प्रविधान किया गया था।
अब जारी ताजा समरी रिपोर्ट के अनुसार इसमें 20 हजार करोड़ रुपए अकेले 300 किलोमीटर लंबे पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे पर खर्च किए जाएंगे। इसके लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू हो चुका है। इस परियोजना का कार्य संबंधित एजेंसी को मार्च 2026 तक अवार्ड होने की संभावना है।
444 करोड़ की लागत से दो की बजाय तीन लेन का पुल
बीते केंद्रीय बजट में बक्सर और यूपी के बलिया जिले के भरौली के बीच दो लेन का तीसरा पुल बनाने की घोषणा हुई थी। लेकिन यहा तीन लेन का नया पुल बनाने की तैयारी पहले से चल रही है। इसके लिए निविदा की प्रक्रिया बीते वर्ष बजट पेश होने से पहले ही प्रकाशित हो चुकी थी। इस पुल की अनुमानित लागत केंद्र की ताजा रिपोर्ट में 444.18 करोड़ रुपए आंकी गई है।
मौजूदा हाइवे को ही एक्सप्रेसवे का रूप देने की तैयारी
केंद्रीय बजट में बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे को लेकर जो मार्ग बताया गया है, उसमें बक्सर-आरा-पटना फोरलेन एनएच 922, पटना से मुंगेर तक एनएच 31 और मुंगेर से भागलपुर तक एनएच 33 का हिस्सा है। केंद्रीय रिपोर्ट के अनुसार यह हिस्सा पहले से फोर लेन भी है। हालांकि यह हिस्सा एक्सप्रेसवे के नियमों के अनुसार एक्सेस कंट्रोल रोड नहीं है। रिपोर्ट में इस बात का कोई उल्लेख नहीं किया गया है कि बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे के लिए चिह्नित फोरलेन को एक्सेस कंट्रोल करने के लिए क्या उपाय किया जाएगा?