‘मान्यवर मैं नहीं बोल रहा था…’, लोकसभा में शाह का दिखा अलग अंदाज, बोले- अब सिर्फ बंगाल बचा है

0
srab

नई दिल्ली। साल 2026 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव (Bengal Election) होना है। इस चुनाव के लिए भाजपा ने कमर कस ली है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत से भाजपा के हौसले बुलंद हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कई बार बंगला की जनता को संबोधित करते हुए ये चिंता जाहिर की है कि ममता सरकार में बंगाल वासियों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिलता।

इसी बीच बुधवार को लोकसभा में त्रिभुवन यूनिवर्सिटी की स्थापना से संबंधित बिल चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि अगले साल बंगाल में कमल खिलेगा और वहां की जनता को आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी मिलेगा।बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में बुधवार को त्रिभुवन यूनिवर्सिटी की स्थापना से संबंधित बिल पर हुई चर्चा का जवाब दे रहे थे।अमित शाह ने कहा, “त्रिभुवन भाई पटेल वह व्यक्ति हैं, जिनकी अगुवाई में 250 लीटर से शुरू हुआ सफर आज अमूल के रूप में हमारे सामने है। उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री ने इस सहकारी यूनिवर्सिटी का नाम त्रिभुवन भाई पटेल के नाम पर कर उनको बड़ी श्रद्धांजलि देने का काम किया है।”

गरीबों को मिल रहा मुफ्त इलाज: अमित शाह

गृह मंत्री ने कहा कि साल 2014 में बीजेपी की लीडरशिप में एनडीए की सरकार बनी। इस 10 साल के अंदर ही गरीब को घर, शौचालय देने का काम हुआ और पीने का पानी देने का प्रयास हुआ। पांच किलो अनाज मुफ्त में दिया गया। गैस देने का काम हुआ। पांच लाख तक का दवा का पूरा खर्च माफ कर दिया गया।

अब सिर्फ बंगाल बचा है…

अमित शाह ने आगे कहा,”सिर्फ दिल्ली में आयुष्मान भारत का लाभ नहीं मिल रहा था। गरीब को चिंता थी। अब दिल्ली में भी कमल खिल गया है और अब आयुष्मान भारत दिल्ली में भी है। अब सिर्फ पश्चिम बंगाल बचा है, चुनाव के बाद वहां भी कमल खिलेगा और आयुष्मान भारत योजना पश्चिम बंगाल में भी आएगी।”

त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक पर क्या बोले अमित शाह?

बिल पर चर्चा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘इस सदन में त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय विधेयक 2025 पर लगभग 3 घंटे से चर्चा चल रही है। हर गांव में कोई न कोई इकाई ऐसी है जो सहकारिता के माध्यम से कृषि विकास, ग्रामीण विकास और स्वरोजगारी के काम में जुटी हुई है और देश की प्रगति में योगदान दे रही है।’उन्होंने बताया कि इस विधेयक के पारित होने के बाद इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, स्वरोजगार और लघु उद्यमिता का विकास होगा, सामाजिक समावेश भी बढ़ेगा, नवाचार और अनुसंधान में नए मानक स्थापित करने के अवसर मिलेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

चर्चित खबरे