जनता देगी धोखे का जवाब…’ रिहा हुए सभी किसान, जेल से बाहर आते ही पंजाब सरकार के विरोध में उतरे सरवन सिंह पंढेर

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पटियाला। पंजाब पुलिस द्वारा बीती 19 मार्च को गिरफ्तार किए गए सभी किसान नेताओं को आज यानी शुक्रवार रिहा कर दिया गया। इनमें किसान मजदूर मोर्चा के प्रधान सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) भी शामिल हैं।

रिहा होते ही पंढेर ने पंजाब सरकार पर बोला हमला

आज तड़के तीन बजे इन्हें रिहा किया गया। पंढेर के साथ-साथ किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ (Abhimanyu Kohad) भी रिहा होने वाले नेताओं में शामिल हैं।रिहा होते ही सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) एक्शन मोड में आ गए और उन्होंने राज्य सरकार की आलोचना की है।

‘जनता देगी धोखे का जवाब

रिहाई के बाद यहां बहादुरगढ़ स्थित कमांडो कंपलेक्स के पास पहुंचे सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) ने कहा कि पंजाब सरकार ने किसानों के साथ जो धोखा किया है, राज्य की जनता उसका जवाब देगी।उन्होंने स्पष्ट किया कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किसान आंदोलन संबंधी जो रणनीति बनाई है, भविष्य में उसी मुताबिक संघर्ष को आगे बढ़ाया जाएगा।

डल्लेवाल से मिलने पहुंचे अस्पताल

सरवन सिंह पंढेर (Sarwan Singh Pandher) ने यहां अस्पताल में दाखिल किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) से मुलाकात भी की। उन्होंने बताया कि डल्लेवाल से कई मुद्दों पर चर्चा हुई। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर किसानों को जबरन हटाए जाने पर भी बात की गई।

डल्लेवाल ने पीया पानी

इस किसान संघर्ष के दौरान मरणव्रत पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने आज शुक्रवार को पानी पीया। बीती 19 मार्च को किसानों की गिरफ्तारी के विरोध में जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) ने अस्पताल में दाखिल होने के दौरान ही पानी पीना बंद कर दिया था।किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल पानी पीते हुए। आज सभी किसानों के रिहा होने के बाद उन्होंने पानी पीया। पंजाब पुलिस (Punjab Police) के रिटायर्ड एडीजीपी जसकरण सिंह ने डल्लेवाल को पानी पिलाया। इस मौके किसान नेता अभिमन्यू कोहाड़ और काका सिंह कोटड़ा भी मौजूद रहे।

गौरतलब हो कि पंजाब के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 महीने से मोर्चा लगा धरना दे रहे किसान नेताओं को पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को हटा दिया है। पुलिस ने पूरी योजनाबद्ध तरीके से शंभू और खनौरी सीमाओं पर विरोध स्थलों को खाली कराया था इस दौरान कई किसानों नेताओं को हिरासत में लिया गया था जिनको अब रिहा कर दिया गया है।

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