Delhi का मुस्तफाबाद हो जाएगा शिव विहार! सदन में प्रस्ताव पर होगी चर्चा; AAP ने BJP पर बोला तीखा हमला

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नई दिल्ली। भाजपा विधायक और दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष मोहन सिंह बिष्ट ने मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने की अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि हर कोई मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर शिव विहार करने की मांग कर रहा है।

 

मुस्तफाबाद को शिव विहार करने की मांग

दिल्ली विधानसभा में शुक्रवार को मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर शिव विहार करने के प्रस्ताव पर चर्चा होगी। एएनआई से बात करते हुए बिष्ट ने कहा कि 2008 में परिसीमन के बाद बने मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम कुछ लोगों ने ‘राजनीतिक लाभ’ के लिए रखा था।

भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट क्या बोले?

बिष्ट ने एएनआई से कहा, “मैंने मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलने का प्रस्ताव दिया है। 1998 से 2008 के बीच जब मैं विधायक था, तब इस क्षेत्र को करावल नगर के नाम से जाना जाता था। मुस्तफाबाद का नाम किसी धार्मिक गुरु के नाम पर नहीं रखा गया है। यहां मुस्तफा नाम का एक प्रॉपर्टी डीलर हुआ करता था, जिसने कुछ राजनीतिक लोगों के साथ मिलकर राजनीतिक लाभ के लिए इस क्षेत्र का नाम बदलकर मुस्तफाबाद रख दिया।

नवरात्र में मीट की दुकानों को बंद कराने की मांग की

उन्होंने कहा कि आज हर कोई मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र का नाम बदलकर शिव विहार करने की मांग कर रहा है। मोहन सिंह बिष्ट ने आगे कहा कि मंदिरों के पास “अवैध” मीट की दुकानों को विशेष रूप से नवरात्र के दौरान बंद किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए मंदिरों के पास अवैध मीट की दुकानों को बंद किया जाना चाहिए।

आप ने बीजेपी पर किया तीखा हमला

इस मुद्दे पर विपक्षी आम आदमी पार्टी ने आलोचना की है। आप विधायक संजीव झा ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि जनता ने उन्हें काम करने के लिए चुना है, न कि केवल नाम बदलने के लिए। झा ने कहा कि नाम बदलने से लोगों को कोई फायदा नहीं होगा, क्योंकि दिल्ली में हजारों ऐसी जगहें हैं, जिनके उर्दू नाम हैं।संजीव झा ने कहा जनता ने उन्हें काम के लिए चुना है। यह ऐसी सरकार है जो सिर्फ नाम बदलती है। वे जहां भी चुने जाते हैं, वहां नाम बदल देते हैं। हजारों उर्दू नाम हैं, उन सभी को बदल दें। इससे लोगों का क्या भला होगा? मुस्तफाबाद की महिलाओं को 2500 रुपये कब मिलेंगे? इस पर चर्चा करना अच्छा होगा कि मुस्तफाबाद के लोगों का विकास कैसे होगा। दिल्ली में हजारों ऐसी जगहें हैं, जिनके उर्दू नाम हैं। नाम बदलने से दिल्ली का कोई भला नहीं होगा। झा ने कहा दिल्ली नेकदिल लोगों का शहर है, इसमें नफरत के बीज मत बोइए।

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