जीविका समूहों में सामने आई बड़ी गड़बड़ी, नीतीश सरकार ने लिया एक्शन; 22 कर्मचारी बर्खास्त

पटना। सरकार ने प्रखंड एवं जिले स्तर पर विभिन्न जीविका समूहों की आंतरिक आडिट में वित्तीय गड़बड़ियां सामने आने के बाद अनियमितता पर अंकुश लगाने को लेकर मॉनीटरिंग सख्त कर दी है।

ग्रामीण विकास विभाग के आंतरिक जांच में अभी तक 35 से अधिक जिलों में हेराफेरी की पुष्टि हुई है। ऐसे प्रकरण को लेकर शासन ने सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
सभी प्रकरण वित्तीय अनियमितता संबंधित हैं। इसमें 22 कर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। शासन की कार्रवाई में जिन कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी गई है उनमें अलग-अलग जिले एवं प्रंखड से संबंधित प्रकरण सम्मिलित है।
सेवा समाप्त किए गए कर्मियों में जिला परियोजना प्रबंधक से लेकर प्रखंड परियोजना प्रबंधक, वित्त प्रबंधक, क्षेत्री समन्वयक, लेखापाल एवं प्रशिक्षण अधिकारी तक नप गए हैं।वहीं, 30 अलग-अलग वित्तीय अनियमितता के मामले में एफआइआर की कार्रवाई की गई है। 35 प्रकरण में जांच चल रही है। सर्वाधिक प्रकरण वित्तीय गड़बड़ी से संबंधित हैं।
कहां-कहां हुई एफआइआर
औरंगाबाद जिले में दो (रफीगंज एवं राघोपुर प्रखंड), कटिहार में एक, कैमूर में दो, खगड़िया में दो, गया में दो, नालंदा में दो अलग-अलग मामले में प्राथमिकी दर्ज हुई है।इसी तरह पटना में एक, पूर्णिया में एक, पूर्वी चंपारण में एक, बेगूसराय में एक, मधेपुरा में एक, मुंगेर में एक, मुजफ्फरपुर में एक, वैशाली में एक, समस्तीपुर में एक, सहरसा में एक, सिवान में तीन, सीतामढ़ी में तीन एवं सुपौल जिले में एक प्रकरण को लेकर प्राथमिकी की कार्रवाई की गई है।
अब महादलित टोलों में जीविका बनवाएंगी शौचालय
- उधर, जहानाबाद जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। अब जिले में छूटे हुए महादलित परिवारों को शौचालय निर्माण कराने को लेकर जीविका पहल करेगी।
- इसको लेकर 18000 महादलित परिवारों का शौचालय निर्माण कराने के लिए सर्वे कराया गया है। इन लोगों को अब जीविका बिना ब्याज का अनुदान के रूप में 12000 रुपये उपलब्ध कराएगी।
- शौचालय के निर्माण हो जाने पर पोर्टल पर अपलोड होने के उपरांत जीविका द्वारा खर्च किए गए पैसे का वहन सरकार करेगी। इसके लिए फिलहाल जिले को डेढ़ करोड़ रुपये उपलब्ध हो गए हैं।
- शौचालय का निर्माण बरसात प्रारंभ होने के पूर्व कर लेना है। जीविका को इस कार्य की जिम्मेदारी मिलने से लाभुक शौचालय बनाने में लापरवाही नहीं बरतेंगे।
- सर्वे में शामिल महादलित परिवारों को जीविका से जुड़ना अनिवार्य होगा। बिना जीविका के समूह से जुड़े उन्हें पैसा शौचालय निर्माण के लिए नहीं मिल सकता है।