पटना में ऑटो चालकों की हड़ताल:बेबस दिख रहे लोग, अस्पताल तक भी नहीं पहुंच पा रहे

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पटना में पिछले चार दिनों से ऑटो चालकों की हड़ताल अब पटना बंद तक पहुंच चुकी है। राजधानी के अलग-अलग इलाकों में जाने वाले लोगों को ऑटो नहीं मिल रही है। कंकड़बाग के अगमकुंआ इलाके में लोगों के लिए टमटम सहारा बन गया है। वहीं, मजबूरी में जुगाड़ गाड़ी का भी लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। कई इलाकों में लोग रैपिडो का सहारा ले रहे हैं। लेकिन, वहां भी उन्हें ज्यादा कीमत देनी पड़ रही है। क्योंकि रैपिडो की ऑनलाइन बुकिंग आज हड़ताल की वजह से ज्यादा हो रही है।

जबरन ऑटो को रोका जा रहा

ऊपर से तेज गर्मी ने यात्रियों की समस्या बढ़ा दी है। पटना में करीब 5 हजार ऑटो हैं। इसमें 80% पर हड़ताल का पूरा असर है। एक दिन में 100% ऑटो चलने पर लगभग 4 से 5 लाख पैसेंजर आते-जाते हैं। बेली रोड स्थित बिहार म्यूजियम के पास हड़ताल के बाद भी चल रहे तमाम ऑटो को रोकने की जबरन कोशिश की जा रही है। कुछ ऑटो चालक हाथों में डंडा लेकर खड़े दिखे। इसके बाद पुलिस ने सभी को पकड़ लिया है।

टमटम बना सहारा

वहीं, कंकड़बाग के अगमकुंआ इलाके में ऑटो नहीं मिलने से परेशान लोग टमटम का सहारा ले रहे हैं। कहीं लोग जुगाड़ गाड़ी पर ही बैठकर जा रहे हैं। अगमकुआं से राजेंद्र नगर का 50 रुपया और पटना स्टेशन के करबिगहिया साइड पहुंचाने का का 100 रुपया प्रति व्यक्ति लिया जा रहा है। वहीं, पटना जंक्शन गोलंबर से एम्स अस्प्ताल के लिए ऑटो नहीं मिलने से पांच महिलाएं परेशान दिखी। गया के बेलागंज से पटना जंक्शन आई थी। यहां से एम्स जाना था लेकिन, ऑटो नहीं मिलने की वजह से वापस लौट गई।

ज्यादा किराया की कर रहे मांग

वहीं, अनिसाबाद में ऑटो स्ट्राइक की वजह से सड़क पर काफी भीड़ नजर आई। आम लोग अपने गंतव्य स्थान पर जाने के लिए ऑटो के इंतजार में सड़क पर खड़े नजर आए। इस बीच हवा हवाई ऑटो में खासी भीड़ देखी गई। वहां मौजूद एक व्यक्ति ने बताया कि उन्हें अपने मरीज को अस्पताल तक ले जाने के लिए ऑटो की जरूरत थी। लेकिन ऑटो वाले तीन किलोमीटर जाने के लिए ₹300 की डिमांड कर रहे थे। वहीं दूसरी तरफ ऑटो चालकों से बात करने पर उन्होंने बताया कि इमरजेंसी सेवा को हड़ताल से अलग रखा गया है, जो भी मरीज इमरजेंसी सेवा चाहते हैं। ऑटो उनके लिए उपलब्ध रहेगी।

महिलाओं को वापस लौटना पड़ा

पटना जंक्शन गोलंबर से एम्स अस्प्ताल के लिए ऑटो नहीं मिलने से पांच महिलाएं परेशान दिखी। गया के बेलागंज से पटना जंक्शन आई थी। यहां से एम्स जाना था लेकिन, ऑटो नहीं मिलने की वजह से वापस लौट गई। SSC MTS का एक्जाम देने के लिए बाजार समिति से निकले सतीश कुमार को ऑटो नहीं मिल रही थी। जैसे तैसे वह गांधी मैदान पहुंचे पर यहां भी उन्हें ऑटो स्ट्राइक के कारण आधे घंटे से कोई ऑटो नहीं मिली।

उन्होंने उबर और रैपीडो बुक करने की भी कोशिश की लेकिन बुकिंग नहीं हो पा रही थी। इस बीच एक रैपीडो वाले उन्हें मिल गए। रैपीडो वाले का कहना है कि आज ऑटो स्ट्राइक के कारण सुबह से ही बुकिंग हो रही है। रोजाना के मुताबिक आज 10 गुना ज्यादा बढ़ोतरी देखी गई है।

‘अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रही हूं’

बोरिंग रोड चौराहा पर खड़ी ऑटो का इंतजार कर रही सुनैना सिंह का कहना है कि उनके रिश्तेदार रुबन अस्पताल में भर्ती हैं। मुझे उन तक खाना पहुंचाना है। वह कब से इंतजार कर रही हैं। लेकिन, ऑटो नहीं आने की वजह से वह खाना नहीं पहुंचा पा रही है। अगर इस तरीके से हड़ताल करनी है तो इसका समाधान भी निकालना चाहिए। आम लोगों को परेशानी हो रही है। डबल किराया देकर दानापुर से बोरिंग रोड तक पहुंची हूं।

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