त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को दैनिक खर्च के लिए नहीं करनी पड़ेगी बजट की प्रतीक्षा

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राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायतों को खर्च में छूट देकर बड़ी राहत दी है। ग्राम पंचायतें, पंचायत समिति और जिला परिषदों को अब बिजली बिल, इंटरनेट, टेलीफोन बिल, कार्यालय खर्च, सफाई एवं भवनों के रख रखाव मद में खर्च के लिए बजट की प्रतीक्षा नहीं करनी होगी।

15वें वित्त और छठे राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा से प्राप्त राशि से इन बिलों का भुगतान त्रिस्तरीय पंचायतें कर सकेंगी।ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद को इस राशि में से 10 प्रतिशत अपनी जरूरतों पर खर्च करने की छूट दी गई है।

डीएम को भेजे दिशा-निर्देश

पंचायती राज विभाग ने इस संबंध में सभी डीएम को दिशा-निर्देश भेज दिया है। त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं को 15वें वित्त और छठे राज्य वित्त आयोग की सिफारिश पर प्रति वर्ष 15 सौ करोड़ की राशि दी जाती है।त्रिस्तरीय ग्राम पंचायतों ने विभाग से स्थापना और प्रशासनिक मद में राशि खर्च करने को लेकर मार्गदर्शन मांगा था। अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को राशि व्यय करने का दिशा-निर्देश दिया है।

बिजली बिल का भुगतान किया जाएगा

पंचायती राज विभाग ने स्पष्ट किया है कि ग्राम पंचायत के सचिव द्वारा पंचायत के सभी वार्डों में पेयजल योजना के साथ सभी तरह के बिजली बिल का भुगतान किया जाएगा।इससे मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजनाओं को पीएचइडी को हस्तांतरण के पूर्व के महीनों में उपयोग में लाए गए बिजली बिल का भुगतान संभव हो सकेगा।पीएचईडी को हस्तांतरण के बाद बिजली बिल का भुगतान पीएचईडी द्वारा किया जाएगा। पंचायती राज के अपर मुख्य सचिव ने जिलों को निर्देश दिया है कि 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा से 2022-23 में 1536 करोड़ अनटाइड फंड में जारी किया गया है।इसमें से 10 प्रतिशत राशि का उपयोग ग्राम पंचायतें पंचायत सरकार भवनों के कार्यालय खर्च, इंटरनेट व टेलीफोन बिल के भुगतान में करेंगी। पंचायत समित कार्यालय व्यय, इंटरनेट बिल और टेलीफोन बिल का भुगतान करेंगी।

जिला परिषदें भी कर पाएंगी भुगतान

इसी प्रकार से जिला परिषदें भी अनटाइड ग्रांट से कार्यालय खर्च, इंटरनेट बिल, टेलीफोन बिल और बिजली बिल का भुगतान कर सकेंगी।इसी प्रकार पंचायत सरकार भवन और अन्य संपत्तियों की साफ-सफाई और सुरक्षा कर्मी के मद में ग्राम पंचायतें खर्च कर सकेंगी।लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के दूसरे चरण (2020-21 से 2024-25) के तहत टाइड ग्रांट की राशि से यह खर्च होगा। इस कार्य में श्रमिकों व गार्डों को श्रम संसाधन विभाग द्वारा निर्धारित अकुशल मजदूर के बराबर पारिश्रमिक दी जाएगी।

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