असम सदन में उठा CM हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी का मामला, विपक्ष के हंगामे के बाद कई बार स्थगित हुई कार्यवाही
गुवाहाटी। सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की पत्नी से जुड़ी एक कंपनी को जमीन के एक भूखंड के संबंध में केंद्रीय सब्सिडी मिलने वाली बात पर बवाल थमने की बजाय बढ़ता नजर आ रहा है। इसको लेकर असम विधानसभा शुक्रवार को कई बार स्थगित हुई, क्योंकि विपक्षी विधायकों ने इन आरोपों पर सरकार से जवाब मांगा है।
सबसे पहले यह मुद्दा कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने प्रश्नकाल के दौरान उठाया था। उन्होंने राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री जोगेन मोहन से पूछा था कि क्या कलियाबोर क्षेत्र में भूमि राज्य की ‘बसुंधरा’ योजना के तहत आवंटित की गई थी।
सदन में शुरू हुई गाली-गलौज
कांग्रेस विधायक ने यह भी पूछा कि जमीन आवंटन के लिए कौन से दस्तावेज जमा किये गये थे। स्पीकर बिस्वजीत दैमारी ने कहा कि यह मामला पुरकायस्थ द्वारा सूचीबद्ध मूल प्रश्न से संबंधित नहीं है और मुख्यमंत्री भी सदन में मौजूद नहीं थे। हालांकि, पुरकायस्थ सवाल पर अड़े रहे, जिसके बाद कई मंत्रियों और विपक्षी विधायकों के बीच गाली-गलौज शुरू हो गई।
आधे घंटे के लिए कार्यवाही स्थगित
यह हंगामा बढ़ने लगा, जिसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 30 मिनट के लिए स्थगित कर दी। सदन दोबारा शुरू होने पर विपक्ष के नेता कांग्रेस के देबब्रत सैकिया ने शून्यकाल के दौरान मामले पर चर्चा के लिए दिए गए नोटिस की ओर सभापति का ध्यान आकर्षित किया। चूंकि, उपाध्यक्ष नुमल मोमिन ने तत्काल चर्चा की अनुमति नहीं दी, एकमात्र सीपीआई (एम) विधायक और एक स्वतंत्र विधायक के साथ कांग्रेस विधायक ने धरना शुरू कर दिया।
कार्यवाही दोबारा शुरू होने के बाद फिर हंगामा
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, सैकिया ने मुख्यमंत्री की पत्नी पर लगे आरोपों की जांच की भी मांग की। सत्ताधारी बीजेपी के विधायक भी आ गए और हंगामा बढ़ गया। चूंकि, दोनों पक्षों ने अपनी जिद्द से हटने से इनकार कर दिया, इसलिए सदन को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। दूसरे स्थगन के बाद जब सदन दोबारा शुरू हुआ तो, हंगामा जारी रहा और विपक्षी विधायक सरकार के खिलाफ नारे लगा रहे थे।
गुरुवार को भी विपक्ष ने किया वाकआउट
मोमिन ने कहा, “आपको (मामला उठाने की) इजाजत होगी, लेकिन आपको धैर्य रखना होगा।” जैसे ही बीजेपी विधायक भी धरना स्थल पर पहुंचे और हंगामा जारी रहा तो सदन की कार्यवाही फिर 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इस मुद्दे ने गुरुवार को विधानसभा में भी हंगामा किया, जिसके बाद विपक्ष ने वाकआउट कर दिया था।